'दिखावा' एक लघु कहानी ब्लॉग है। यह एक प्रयास है समाज को आइना दिखाने का। ' दिखावा ' मुख्या उदेशय लोगो को अंतकरण मै झाकने के लिए प्रेरित करना है

Saturday 16 September 2017

देश का सबसे संवेदनहीन प्रधानमंत्री

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"सौगंध मुझे इस मिटटी की,
मै देश नहीं बिकने दूंगा"

" अच्छे दिन आने वाले है"

मोदी जी, आप वो प्रधानमंत्री है, जिसे इस देश की जनता ने  प्यार और गौरव इ साथ देश की कुर्सी पर बिठाया।
आप वो प्रधानमंत्री है जो पिछलेदो दशकों केबाद पहली बार सम्पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता मैं आये।
आप वो प्रधान मंत्री है जिसे देश के लोगो ने आम जनता का प्रधानमंत्री माना था।
आप वो प्रधान मंत्री यही जो 90 दिनों मई देश का काला धन देश मै  लाने वाले थे।

पर  मुझे बेहद्द अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है के आप इस देश के सब से सवेंदन हीन  साबित हुए।
देश मै बिहार झारखण्ड जहा नक्सलवाद पूरी तरह से आतंकवाद का रूप ले चूका है आप उस देश के प्रधान मंत्री है।
हरियाणा प्रदेश मै जाट आरक्षण के नाम पर सेकड़ो महिलाओं से बलात्कार हो जाता है और  बलात्कारी के लिए  की जान चली जाती है परन्तु उसके बाद भी प्रदेश की जनता के लिए एक सहानुभूति भरा शब्द नहीं निकल पता आपके मुँह से।

गुरग्राम मै  के बच्चे की स्कूल के भीतर दिन डिहरे हत्या हो जाती है। पुरे देश के माता पिता चाहे वो कोई आम जनता थी या कोई अभिनेता अपने बच्चो की सुरक्षा के लिए भयभीत हो जाते है। परन्तु आप उस वक्त अहमदाबाद शहर को दुल्हन की तरह सजा रहे थे अपने जापानी दोस्त के लिए।

 देश की ट्रैन का जहा बुरा हाल है , शायद ही कोई ट्रैन पूरी तरह से समय बढ़ता के साथ चलती हो।  4 महीने बाद की एडवांस बुकिंग की डेट भी जहा कन्फर्म नहीं हो पाती वहा बुलेट ट्रैन की निजी खवाइश के लिए देश का पैसा बर्बाद किया जा रहा है

एक 12th पास महिला को देश की शिक्षा मंत्री बनाया जा रहा है।  वह भी उस महिला को जिसे राजनीती का कोई तजरुबा नहीं और जो न कही से संसद है न  प्रतिनिधि।

मोदी जी आप को लालू प्रसाद की बेटी  जाने की फुर्सत तो है , सुरेश रैना जो की एक क्रिकेटर है उसकी शादी मै  भी जाने की फुर्सत है परन्तु क्या आपको दंगा प्रभावित क्षेत्र मई जाना जरुरी नहीं लगा ? पंचकूला , मुजाफर नगर, सहारनपुर क्या जहा लोगो ने अपनी जान साम्प्रदायिकता मै गवा दी क्या वहा आपका जाना जरुरी नहीं था।
देश की बेटिया पहले से अधिक असुरक्षित है , रेलगाड़ी का खाना  150 रुपये मई भी घटिया से घिटया होता जा रा है , टूटी हुयी सड़को की वजह से रोज सेकड़ो हादसे हो जाते है।  धर्मगुरु जो 700 एकड़ से 1200 एकड़ मै खुलेआम अपनी अयाशी की अड्डे चला रहे है
मै  जानना चाहती हु की इतनी बड़ी जगह इन ट्रस्टों के नाम कर दी जाती है और उस जगह पर कोई भी सरकारी पुलिस स्टेशन नहीं।  सरकार  को इतना भरोसा क्यों है इन डेरो पर ? क्युकी यह एक सस्ता और आसान वोट बैंक है।
मै जानती हु के आपके पास कोई जवाब नहीं होगा और न  सवालो  जवाब देंगे हलाकि जनता के सेवक होने के नाते ये आपकी जिम्मेदारी है के आप मेरे सवालों का जवाब दे  मै  फिर भी आपसे ये सवाल करती रहूंगी क्युकी ये मेरा फर्ज और हक़ है चाहे आप आप इन सवालों का जवाब न देकर अपना फर्ज भूल जाए लेकिन मई अपना फर्ज नहीं भूलूंगी। 

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