'दिखावा' एक लघु कहानी ब्लॉग है। यह एक प्रयास है समाज को आइना दिखाने का। ' दिखावा ' मुख्या उदेशय लोगो को अंतकरण मै झाकने के लिए प्रेरित करना है

Tuesday 24 October 2023

तो करो ना किस ने रोका है तुमको

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सोचा के आज रात एक कविता लिखूंगी
मगर इनको ऑफिस से आते आते देर हो गईबार घर आए तो खाना लगाया और किचन के बर्तन धोते धोते मैं थक के सो गई
सोचा के आज अच्छे से तैयार होकर बाहर घूमने जाऊंगी
मगर बचो ने आज बहुत तंग किया और इतना थका दिया के बाहर जाने का दिल ही नहीं हुआ तो तैयार क्या होती

सोचा के आज घर का सब काम जल्दी कर के दोपहर को बच्चो के स्कूल से आने ए पहले कोई अच्छी फिल्म देखूंगी
मगर अचानक से घर पे कोई आ गया और फिर कुछ जान पहचान के लोगो के फोन कॉल खतम करते ही डोरबेल बाजी और बच्चे घर आ गए

सोचा के इस बार कुछ पैसे बचाकर एक नया फोन ले लूंगी मगर अचानक से बच्चो के नए स्कूल बैग की डिमांड आ गई
सोचा के अब से हर महीने कुछ पैसे बचायुंगी और साल भर के भीतर एक छोटी सी हल्की सी सोने की चैन बनवा लूंगी अपने लिए मगर अचानक से किसी की शादी आ गई और बच्चों के कपड़ो और लेनदेन में सारा साल भर का बजट हिलगया

मुझे पता है के ये सब मेरी फरमाइश थी सिर्फ मेरी और मेरे खुद के लिए , और घर के बाकी लोगो की भी बहुत सी फरमाइश रही होंगी पर क्या करू मेरी तो शिकायते भी अजीब है के थोड़ा खुद से खुद के लिए वक्त तो दे दो के कही बाहर घूम लू,कोई ऑनलाइन मूवी देख लू
इस पर एक ही जवाब मिलेगा

तो करो ना,किस ने रोका है तुमको.........

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