उसके हिम्मत की दाद दू या बेशर्मी की, के मेरे प्यार पाने के लिए भीख मांगता था मुझसे,
आज मुझे ही अकड़ के कहता है के देखो ऐसे नहीं रह सकता तुम्हारे साथ
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